सन 1997 के बाद सभी भविष्य निधि कार्यालय का क कम्प्यूटरीकृत एन आई सी के द्वारा यूनिक्स/फोक्स्बेस डेटाबेस के द्वारा किया गया|
- राष्ट्रीय सुचना केंद्र के द्वारा 2001 में भविष्य निधि कार्यालय का कम्प्यूटरीकरण की सुरुवात की गयी |
- क्लाइंट सर्वर आर्किटेक्चर के माध्यम से एस क्यू एल सर्वर डेटाबेस और विसुअल बेसिक को इस्तेमाल करते हुआ एक सॉफ्टवेर का निर्माण करवाया गया| इस सॉफ्टवेर को राज्य निदेशालय में कार्यरत करवाया गया|
- ग्राहक डेटा जीपीएफ वेब साइट पर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए एनआईसी सर्वर पर डाल दिया गया है।
- नए सीपीएफ़ कार्यक्रम की शुरूआत और ट्रेजरी कार्यक्रमों के लिए आवश्यक एकीकरण के साथ, मौजूदा सॉफ्टवेयर को सीपीएफ़ डेटा प्रबंधन और ट्रेजरी कार्यक्रम के साथ एकीकरण को समायोजित करने के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है, जिसे ट्रेजरी कम्प्यूटरीकरण के दौरान लिया गया है
मुख्य विशेषताएं
- ग्राहक, नामांकित व्यक्ति, खोलने के शेष और योगदान जैसे विवरण डिजिटल स्वरूप में रखे जाते हैं।
- बढ़ी हुई सुरक्षा सुविधाओं को शामिल किया गया है।और यह प्रणाली विभिन्न एमआईएस रिपोर्टों की सुविधा प्रदान करती है
- ग्राहक डेटा उचित उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण के साथ वेब इंटरफेस के माध्यम से एनआईसी सर्वर पर उपलब्ध कराया जाता है।
- ई-ट्रेजरी के साथ एकीकरण का कार्य संपन्न हो चूका है ।